सरसों की कम समय में पकने वाली अगेती किस्म जो किसानों को बनाएगी मालामाल! होगी जबरदस्त पैदावार

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नई दिल्ली: हमारे देश के किसानों के लिए एक बेहतरीन अवसर! भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने किसानों की मांग को ध्यान में रखते हुए कम समय में पूरी तरह तैयार होने वाली सरसों की उन्नत किस्में विकसित की हैं। इन किस्मों में पैकिंग का समय बहुत कम होता है, जिससे खेती की समय सीमा भी कम हो जाती है, और उचित पौधों के साथ अच्छी पैदावार मिलती है।

पूसा तारक: सरसों की एक अनोखी किस्म

पूसा तारक सरसों की एक अनोखी किस्म है, जो 110-115 दिनों में पूरी तरह पक जाती है। यह 15-20 सिंचित एवं वर्षा आधारित दोनों क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है। यह किस्म अधिक उपज देती है और किसानों को अधिक मुनाफा देती है।

पूसा महक 110-115 दिन: खेती का एक सफल विकल्प

पूसा महक एक ऐसी किस्म है जो 110-115 दिनों में पूरी तरह से पक जाती है और 13.5 फसल खिलाने में रोग मुक्त हो जाती है। इसके साथ ही यह किस्म उचित पौधों के साथ अच्छी पैदावार देती है, जिससे किसानों को अधिक आय मिलती है।

पूसा सरसों-25: कम समय में अधिक उपज

पूसा सरसों-25 केवल 100 दिनों में पूरी तरह पक जाती है और प्रति हेक्टेयर 14.5 क्विंटल उपज देती है। यह किस्म माहू या चेपा कीट के प्रकोप के प्रति प्रतिरोधी है और किसानों को अधिक लाभ देती है।

पूसा सरसों -27: उचित एवं सुरक्षित उपज

पूसा सरसों-27 एक और उत्कृष्ट किस्म है, जो 110-115 दिनों में पूरी तरह पक जाती है और प्रति हेक्टेयर 15.5 क्विंटल उपज देती है। इसके साथ ही, यह किस्म कीटों और बीमारियों के प्रति अपनी प्रतिरोधक क्षमता के लिए भी जानी जाती है, जिससे किसान अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं।

 

पूसा सरसों -28: अधिक उपज और अधिक मुनाफा

पूसा सरसों-28 105-110 दिनों में पूरी तरह पक जाती है और 18-20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज देती है। यह किस्म अधिक पैदावार और अधिक मुनाफा देती है, जिससे किसान अधिक आय अर्जित कर सकते हैं।

अगेती खेती के फायदे: जानें कैसे पाएं उन्नति

सरसों की इन उन्नत किस्मों का उपयोग करके किसान साल में तीन बार फसल ले सकते हैं और अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। अधिक पैदावार के साथ-साथ, ये किस्में कीटों और बीमारियों के प्रति प्रतिरोधी होने की भी संभावना रखती हैं, जिससे किसानों को अधिक लाभ मिलता है।

साथ ही, इन किस्मों को पूरी तरह से परिपक्व होने में कम समय लगता है, जिससे किसान साल में तीन बार फसल ले सकते हैं और अधिक आय अर्जित कर सकते हैं। अगेती खेती की इन उन्नत किस्मों के साथ, आपकी खेती की यात्रा और भी शानदार हो सकती है!

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